प्रदेश के महत्वपूर्ण तथ्य
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इतिहास और भूगोल
अरूणाचल प्रदेश को 20 फरवरी, 1987 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। 1972 तक यह पूर्वोत्तर सीमांत एजेंसी के नाम से जाना जाता था। इसे 20 जनवरी 1972 से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला।
15 अगस्त, 1975 को चयनित विधानसभा का गठन किया गया तथा पहली मंत्री परिषद ने कार्यभार ग्रहण किया। प्रथम आम चुनाव फरवरी, 1978 में करवाए गए।
राज्य में 16 जिले हैं। राज्य की राजधानी ईटानगर पापुम पारा जिले में हैं। ईटानगर नाम ईटा किले पर पड़ा है जिसका अर्थ है ईंटों का किला, जिसे 14 सदी पूर्व बनाया गया था।
कल्कि पुराण तथा महाभारत में अरूणाचल प्रदेश का उल्लेख मिलता है। यह पुराणों में वर्णित प्रभु पर्वत नामक स्थान है।
परशुराम ने यहां अपने पापों का प्रायश्चित किया था, ऋषि व्यास ने यहां आराधना की थी, राजा भीष्मक ने यहां अपना राज्य बसाया तथा भगवान कृष्ण ने रूक्मिणि से विवाह किया था।
अरूणाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में फैले पुरातात्विक अवशेषों से पता चलता है कि इसकी एक समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा रही है।
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