बच्चा माटी का है बर्तन

बच्चा माटी का है बर्तन,जो चाहो कर दो परिवर्तन,न भला पता न बुरा पता,इसको है बस यही पता, न रोके कोई न टोके कोई,मिल जाए हमको स्वतन्त्रता,फिर भी शिक्षा देनी है ऐसी,हो सुदृढ़ इनका जीवन-दर्शन,           मारपीट से मानेंगे न,      कभी भी कहना मानेंगे न,      प्रेम से डाटो प्रेम से मारो,      कभी दूर भागेंगे न,      शिक्षित करने के सीखे जतन,      फिर बच्चों से क्या अनबन,           सजा में कोई मजा नहीं,          दे दी जो सजा तो कुछ बचा नहीं,          सजा से कुछ भी पचा नहीं,          तो शिक्षण से कुछ रचा नहीं,          पहले सम्भालो अपनी उलझन,          फिर बच्चों को अन्तर्मन,      बनो न हिंसक, बनो अहिंसक,      बन जाओ तुम ऐसे शिक्षक,      शिक्षा देना धर्म हो जिसका,      शिक्षित करना कर्म हो जिसका,      ऐसा ज्ञान करो तुम अर्जन,      जो …

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बच्चा माटी का है बर्तन

बच्चा माटी का है बर्तन,जो चाहो कर दो परिवर्तन,न भला पता न बुरा पता,इसको है बस यही पता, न रोके कोई न टोके कोई,मिल जाए हमको स्वतन्त्रता,फिर भी शिक्षा देनी है ऐसी,हो सुदृढ़ इनका जीवन-दर्शन,           मारपीट से मानेंगे न,      कभी भी कहना मानेंगे न,      प्रेम से डाटो प्रेम से मारो,      कभी दूर भागेंगे न,      शिक्षित करने के सीखे जतन,      फिर बच्चों से क्या अनबन,           सजा में कोई मजा नहीं,          दे दी जो सजा तो कुछ बचा नहीं,          सजा से कुछ भी पचा नहीं,          तो शिक्षण से कुछ रचा नहीं,          पहले सम्भालो अपनी उलझन,          फिर बच्चों को अन्तर्मन,      बनो न हिंसक, बनो अहिंसक,      बन जाओ तुम ऐसे शिक्षक,      शिक्षा देना धर्म हो जिसका,      शिक्षित करना कर्म हो जिसका,      ऐसा ज्ञान करो तुम अर्जन,      जो …

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